Posts

Showing posts from October, 2021

।।मत भूलो जनाब यह भारत की मिट्टी है,तुम्हारी नापाक औकात बहुत सस्ती है ।।

Image
खेल , नियमों  द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी श्रंखला  है। ... सामान्यतः खेल को एक संगठित, प्रतिस्पर्धात्मक और प्रशिक्षित शारीरिक/मानसिक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है,खेल हमें प्रतिबद्धता तथा निष्पक्षता सिखाता है,जीवन में अधिक अनुशासित, धैर्यवान, समयनिष्ठ और विनम्र बनाता है। यह हमें सभी कमजोरियों को दूर करके जीवन में आगे बढ़ना सिखाता है,खेल हमें निर्भीक और आत्म विश्वासी बनाता है,नेतृत्व क्षमता पुष्ट करता है,समग्र व्यक्तित्व का समुचित विकास करता है,खिलाड़ियों के अतिरिक्त दर्शक और रूचिकर लोगों को भी लाभान्वित करता है खेल। जीत और हार इसके सोपान हैं,अच्छा खेल प्रतिद्वन्द्वी का भी दिल  जीतता है।अस्तु खेल का नैसर्गिक आनन्द अवसाद और निन्दा की अनुमति नहीं देता बल्कि जीत और हार सम्यक ग्राह्य की विषय वस्तु है।          देश-दुनिया में क्रिकेट खेल के प्रति दीवानगी और लोकप्रियता अपने चरमोत्कर्ष पर है।लेकिन खेल के वास्तविक आनन्द से परे अब इस दीवानगी की विद्रूपता भी यत्र-तत्र परिलक्षित हो रही है,मसलन सट्टेबाजी से लेकर कलुषित आति...

'कट्टरता' घातक है!अस्तु त्याज्य है।

Image
'कट्टरता' की प्रासंगिकता अध्ययन और शोध का विषय होना चाहिए,कट्टरता क्या दे सकती है और बदले में क्या ले सकती है?धार्मिक कट्टरता उन्माद,विद्वेष,नफरत और अति के चरमोत्कर्ष पर हिंसा का पोषण भी करती है,कबीलाई संस्कृति का समर्थन करती है।अपने धर्म अपनी जाति और स्वदेश से अनुराग होना चाहिए गर्व होना,निज मान -मर्यादा का ध्यान होना चाहिए,प्राणि श्रेष्ठ मनुष्य जहां से भी स्वयं को जोड़े वह भी गौरवान्वित होना चाहिए ऐसे सम्यक कर्म होने चाहिए। सदैव सनद रहे कि 'सत्य के साथ किसी भी तरह का अनापेक्षित व्यवहार भी उसकी महत्ता और प्रभाव को रंच मात्र भी प्रभावित नहीं कर सकता है' सत्य का अक्षय होना ही सत्य की प्रमाणिकता और सर्व व्यापी प्रभाव की पुष्टि करता है'।सत्य ही साश्वत है,सत्य में लीपापोती का प्रयास सदा विफल ही रहा है और सदा विफल ही होना ईश्वरीय विधान में सुनिश्चित है।इतिहास साक्षी है हमारी ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति के साथ कितना छल -प्रपंच किया गया नराधमों द्वारा कुचलने की कलुषित कोशिश का परिणाम भी जग जाहिर है।मानव धर्म सर्वोपरि है बाद इसके किसी धर्म का अभिप्राय समझने और ...