दाखिल से पहले खारिज
कांग्रेसाचरण की वंश बेल क्षत्रप धारक राहुल जी का राजनैतिक आचरण अनापेक्षित ही नहीं आपत्तिजनक भी है|आपकी बयानबाजी और भाषण कला राजनैतिक अपरिपक्वता की परिचायक सिद्ध हो रही है, प्रजातांत्रिक मूल्यों के प्रति औसत दर्जे का अविश्वास जन-गण-मन को आहत करता है, प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति आपकी खीझ ने जाने-अनजाने व्यक्तिगत रुप धारण कर लिया है,इस परिप्रेक्ष्य में आपको न तो प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रहा और न ही स्वयं के राजनैतिक व्यक्तित्व की चिंता,कहना समीचीन है कि भारतीय राजनीति में आप दाखिल होने से पहले खारिज को चरितार्थ कर रहें हैं अब तक,जबकि आज देश भारत को पहले से अधिक आवश्यकता है 'कांग्रेस' की|सत्ता रुढ़ होना और विपक्ष की भूमिका निभाना चक्रीय परिवर्तन है,कल जो विपक्ष था आज पक्ष है और आज जो पक्ष है कल विपक्ष होगा लेकिन दोनों के लिएराष्ट्र धर्म सर्वोपरि है|आपको राष्ट्र धर्म निर्वाहन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं|
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