एक प्रतीक आदर्श दूजा बर्बर

राम लोकाभिराम हैं,साक्षात भगवान हैं, आराध्य हैं, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम आस्था हैं कल्याणकारी जीवन,समाज और भू लोक के लिए सर्व मान्य आदर्श हैं|जबकि बाबर बर्बर शासक मात्र,प्रथम दृष्टया राम से बाबर की तुलना करना उपहासिक ही नहीं मूर्खता का भी परिचायक है|खुदा से तुलना करने में कोई हर्ज नहीं बल्कि खुदा की भी रजामंदी हो सकती है क्योंकि "ईश्वर अल्ला तेरो नाम सबको सम्मति दे भगवान"ऐसे तुलना भाव से तमाम द्वन्द स्वमेव शान्त हो जाएंगे और मानव कल्याण हेतु मार्ग प्रशस्त हो जाएंगे,राम में ही रहीम नजर आएंगे|
          प्रचलित बहुविवादित अयोध्या विवाद का सुखद कल्याणकारी समाधान कुछ कलुषित मुस्लिम जमात को रास न आना दुर्भाग्यपूर्ण है| माननीय सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सर्व सम्मति फैसले को चुनौती का मंसूबा केवल और केवल फासले का पैरोकार हो सकता है,बदले में फजीहत वाली सौगात| अब नेक दिल मुस्लिम धर्म गुरुओं को और प्रबुद्ध मुस्लिम भाइयों को आगे आना चाहिए विकास और प्रगति के वास्ते एक भारत नेक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए नया अध्याय लिखने के लिए, उन्मादियों को करारा जवाब देने के लिए, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को राजी-खुशी से स्वीकारने का पैगाम ही फतवा करार दिया जाना चाहिए| 
          "सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मां कश्चिद दु:ख भाग भवेत्"
              

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