'महाराष्ट्र का महातंत्र बेचारा जनतंत्र'

महाप्रजातंत्र की बानगी बना महाराष्ट्र संभवत: अभिभूत हो रहा है प्रजातांत्रिक मूल्यों से,और मीडिया इन अविस्मरणीय पलों की साक्षी बनकर 'चित्त और पट दोनों मेरी'चरितार्थ कर रही है|सभी सरकारी संस्थान ' चोरी करवा रहें हैं,जागते रहो श्लोगन' के साथ|विधायिका का चीर हरण हो रहा है 'महाभारत' के सभी पात्र (संवैधानिक पदासीन) अपनी -अपनी भूमिका का निर्वाहन तन्मयता से कर रहे हैं| माननीय नवनिर्वाचित विधायक गण चतुरसेन जी की 'नगर वधू ' की महती भूमिका का बखूबी निर्वाहन निज धर्म सरीखे कर रहे हैं, उम्र दराज सात दशकीय जनतंत्र अपनी अस्मत को येन-केन-प्रकारणेन ढकने की कोशिशों में रत है,यह भारत है नेता यहां के रत्न हैं,सत्ता ही स्वर्ग है, तथाकथित सेवा की सीढ़ी से स्वर्ग प्राप्ति ही राजनैतिक धर्म अघोषित प्रस्तावना है|
                जय हो 🙏 जय हो 🙏
                   नरेन्द्र नाथ त्रिपाठी

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