पंचायत चुनाव की प्रासंगिकता और जनपद #रायबरेली विशेषांक
खरी-खरी !
पंचायत स्तरीय स्थानीय निकाय चुनाव के सभी प्रत्याशियों को उनके उद्देश्य(तथाकथित सेवक)बनने की शुभकामनाएं।चूंकि आप सभी एक व्यक्ति मात्र नही बल्कि सामूहिक नेतृत्व में संविधान सम्मत 'गांव सरकार' की आधारशिला हैं।लेकिन खेद इस बात का है कि अभी तक गांव सरकार की संकल्पना चरितार्थ ही नही हो पाई, चूंकि 'ब्लाक प्रमुख' और 'जिला पंचायत अध्यक्ष' निवेश की विषय वस्तु हैं अभी तक मतलब ये दोनों पद खरीददारी का खुला बाजार हैं।और इस सच को सरकारें ही नहीं बल्कि जनता-जनार्दन भी भली भांति जानती है। महिमामंडित तथाकथित समाजसेवी, वर्चस्वी नामी-ग्रामी,प्रभुता संपन्न लोग संविधान सम्मत चुनावी आरक्षण व्यवस्था पर भारी पड़ते हैं जब प्रत्यासी प्यादे होते हैं शतरंज के मोहरे होते हैं।मजे की बात तो यह है कि यहां आरक्षण के पात्रों /समर्थकों के "मुंह में दही जम जाता है" उनका हलक 'हलाहल' हो जाता है,घिघ्घी बंध जाती है,बंधक व्यवस्था के सूत्रपात सिद्ध हो जाते हैं। खैर जो है सो है के भाव में राजनैतिक चर्चा में महिमामंडित और केन्द्र में भी केन्द्रित जनपद #रायबरेली की जिला पंचायती की चर्चा प्रासंगिक इसलिए है कि !
01● यहां बतौर जिलापंचायती मठाधीशी बदस्तूर चालू अहै।
02● यहां दल -बदल राजनीति बेशर्मी की नहीं रसूख की पर्याय है।
03● यहां एक जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी पर विधायकी और विधान परिषदीय सदस्यता भारी है।
04● यहां जिला पंचायती सदस्यता प्रत्याशी नामांकन में बड़े -बड़े सियासी घराने राजे -रजवाड़े आते हैं आंड़े।
04● यहां पर एक ही राजनैतिक दल के प्रत्याशी एकाधिक होते हैं,एक तो राजनैतिक दल से स्वीकृत होता जबकि दूसरा उसी राजनैतिक दल के महिमामंडित कुठाराघाती का दास प्रत्याशी।
05● ऐतिहासिक अध्ययन से पुष्ट होता है कि यह कांग्रेसी घराना है चूंकि जनपद रायबरेली ने भारत देश को प्रधानमंत्री तक दिया है।
06●वर्तमान में राजनैतिक दल शिरोमणि भाजपा तमाम उठा-पटक -बैठक दर बैठक के बाद स्थानीय माननीयों को रूष्ट -प्रसन्न करते हुए महराजगंज ब्लाक प्रथम के प्रत्याशी का नाम नामांकन के लिए चुना।जबकि स्थानीय नेता नगरी और कार्यकर्ता चूना न लगाएं यह बड़ी बात होगी।इसी जगह कांग्रेस ने प्रत्याशी न घोषित करके नयी लकीर खींच दी है।
07● सूत्रों के हवाले से चर्चा इस बात की है कि जनपद रायबरेली के ब्लाक महराजगंज की प्रथम सीट का सदस्य,जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल हकदार होगा।
08● देखना दिलचस्प होगा कि यहां उक्त उल्लेखित प्रथम सीट से जीत भाजपा प्रत्याशी की होती है या गैर भाजपाई की।
09● वर्तमान भारत सरकार और वर्तमान उ प्र सरकार से जनता-जनार्दन की आश थी कि ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चयन प्रक्रिया बदलने की मतलब सदस्य खरीद -फरोक्त बाजारीकरण के इति की मतलब जनता-जनार्दन के हांथ सीधे दोनों पद चुनने की लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।और न ही किसी राजनैतिक दल की ऐसी इच्छा परिलक्षित है कि वह 73 वें संविधान संशोधन को शिरोधार्य करके 'गांव सरकार' के 29 विषयों(विभागों) को गांव सरकार के हवाले कर सके।
आपका ही
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