यह कैसी 'ममता' है?पं बंगाल विशेषांक!
पश्चिम बंगाल का सियासी जादू बेकरार सरकार पर सर चढ़ कर बोल रहा है, राजनैतिक अखाड़े में आरोप-प्रत्यारोप वाले दांव-पेंचों के बीच निरन्तर गिरता राजनैतिक स्तर और संक्रंमण का बढ़ता खतरा राष्ट्रीय चिंतन का विषय है,किसी राज्य के निवासियों की सभी तरह से सुरक्षा उस राज्य की सरकार का बाध्यकारी संवैधानिक उत्तर दायित्व है,संकटकाल में इस उत्तर दायित्व के साथ मुख्यमंत्री की नैतिक जिम्मेवारी भी सुनिश्चित हो जाती है,चूंकि संवेदनहीन,राष्ट्रीय भावना रहित,जनहित की नजरंदाजी वाली निरंकुश व्यवस्था, अधिनायक तंत्र और तानाशाही की परिचायक है,महामारी कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री पं बंगाल ममता बनर्जी का समसामयिक तानाशाही रवैइय्या भारत के संघीय ढांचे,और उसकी संवैधानिक व्यवस्था पर कुठाराघात है। महामारी से लड़ रहे भारत के पराक्रम और प्रयासों से दुनिया न केवल चकित हैं बल्कि नतमस्तक होकर धन्यवाद भी ज्ञापित कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता न केवल इस गौरवान्वित खबर से बेखबर हैं बल्कि खुद की जिम्मेवारियों से भी । लड़ाई के शुरूआती दिनों में ऐसा लगा कि राजनीति की दीदी,राजनैतिक मत-भेद को ताख पर रखकर केवल और केवल कोरोना ...